भारतीय श्री विश्वकर्मा समाज

विश्वकर्मा समाज के सरनेम

विश्वकर्मा समाज के सरनेम 

भारत वर्ष में भगवान श्री विश्वकर्मा जी के पाँचो पुत्रो के  वंशजो को अलग - अलग उपनामो एवं सरनेम  से जाना जाता है 

हम यहाँ पर उपनामो के विषय में आपको जानकारी देने का प्रयास किया है देश के विभिन प्रदेशो में अलग - अलग उपनामो का उपयोग करते हैं। हमे इन उपनामो की जानकारी सामाजिक बंधुओं द्वारा प्राप्त हुई है इन उपनामो में मात्रा एवं अक्षर की गलती हो सकती है। इस हेतु हम आपसे क्षमा प्रार्थी है। उपनामो को सही करने के लिए या अन्य उपनाम जोड़ने हेतु हमारी सहायता करें एवं अपना फीडबैक दे आपकी सहायता से हम उपनामो में हुई गलतियों को सुधार सके एवं अन्य उपनामो को जोड़ सके। 

विश्वकर्मा , शर्मा , पांचाल , जांगीड़ , मैथिल , झा , ओझा , मालवीय,धीमान  , सुथार , गौड़ , भारद्वाज , विश्वे , कर्मा , मिस्त्री ,कारपेंटर , कश्यप , गौतम ,उपाध्याय   , आचार्य , अग्निहोत्री , विश्वगुरु , कर्मकार , सरवरिया , विंधानीराणा  , सूत्रधार , कर्माली ,  श्रीगोड़ , शिल्पी , मघद , लोहारी ,लोहार , रामगढ़िया , नामधारी , सुतार , धनसाली ,  टॉक, तरखान , अटलकार , कम्मार , कामबर , बडागर , कंचागर , गज्जर , देवकमलार , कमलार  , नागर ,स्वर्णकार  अक्कासाली , टकासाली , कनसाली , रावत , चार्य , कन्यकुंज , काला , सोखी , लोष्टा , लोटा , महूलिया , आदिरस , ठाकुर , मांझी , गुली , चड्डा , सांडिल्य , गुलीमांझी , डेडामांझी , महापात्र , साह , पारीदा , काले ,चौहान , पावर , घोटेकर  , मनेकरयादें  , नागरे , लोहर , कोशी , ढोले , कट्टलकार , दांगरे  , पित्रोदा , परमार , पिथवा , सूर्यवंशी , कवरा , पथरा , आदिगेरे ,अधिरस , महाराणा , राणा , तेहरखाना , कलसी , माहुले , मोहराना , मथुरिया  , सूत्रधार , ककुहास ।